शतावरी के फायदे और नुकसान : शतावरी है आयुर्वेद का वरदान , जानिए शतावरी के फायदे और उपयोग , नुकसान क्या होते हैं

Shatavari ke fayde aur nuksan :

दोस्तों स्वास्थ्य के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल भी लंबे समय से किया जा रहा है। और ये प्राकृतिक औषधियां शरीर से जुड़ी हर समस्या का इलाज करने में सक्षम मानी जाती हैं। एवं इसी क्रम में हम आपको एक ऐसी खास जड़ी-बूटी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं और जो आपको कई शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने का काम भी कर सकती है। एवं इस लेख में हमारे साथ जानिए शतावरी के औषधीय गुणों के बारे में। एवं जानिए यह आपके स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक हो सकती है।


शतावरी क्या हैं ? 

दोस्तों शतावरी एक जड़ी-बूटी होती है। जिसको आमतौर पर शतावर के नाम से भी जाना जाता है। और अन्य भाषा, जैसे संस्कृत में इसे शतमूली एवं अंग्रेजी में एस्पेरेगस के नाम से जाना जाता है। और इसका वैज्ञानिक नाम एस्पेरेगस रेसिमोसस है। एवं शतावरी के गुण में कई ऐसे फायदे मौजूद होते हैं, जो हमारी दिनचर्या को बेहतर बनाने में मदद भी कर सकते हैं। और भारतीय में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में सदियों से किया जा रहा है। एवं महिलाओं से संबंधित समस्याओं में इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।

दोस्तों आइए अब जानते हैं, शतावरी के कितने प्रकार हैं, जिसका उपयोग भी किया जा सकता है।

शतावरी के प्रकार – 

दोस्तों शतावरी के फायदे से पहले यह जान लेना बेहद जरूरी है, कि शतावरी के कितने प्रकार हैं एवं कौन सा प्रकार सबसे ज्यादा फायदेमंद भी हो सकता है। और बात करें भारत की, तो यहां हरी एवं बैंगनी रंग की शतावरी ज्यादा देखने को मिलती है। और शतावरी तीन प्रकार की होती हैं, जिनके बारे में नीच पूरी जानकारी दी जाएगी 

1. हरी शतावरी : 
  दोस्तों हरी शतावरी मुख्य रूप से भारत में ज्यादा देखने को मिल सकती है। और आपको बता दें कि हरे एवं सफेद रंग की शतावरी दोनों एक होती हैं। परन्तु इनमें सामान्य भिन्नता होने के कारण इन्हें अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है। और एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, हरी शतावरी इसलिए हरी होती है, क्योंकि इसका विकास सूरज की किरणों में भी होता है

2. सफेद शतावरी :
  दोस्तों शतावरी का दूसरा प्रकार सफेद शतावरी है। और इसका रंग इसलिए सफेद होता है, क्योंकि यह मिट्टी के अंदर उगाई जाती है। और इसे छायादार स्थानों पर उगाया जाता है एवं सूरज की रोशनी शतावरी के पौधों तक नहीं पहुंच पाए।

3. बैंगनी शतावरी : 
 दोस्तों यह सबसे अलग किस्म की शतावरी होती है एवं इसका रंग इसलिए बैंगनी होता है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं। और बैंगनी शतावरी को थोड़ी देर ही पकाएं, ताकि इसका बैंगनी रंग बना रहे।
दोस्तों शतावरी के प्रकार जानने के बाद अब जानते हैं शतावरी के फायदे क्या-क्या होते हैं।

शतावरी के फायदे – 

दोस्तों शतावरी का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में अधिक किया जाता है। अब नीचे जानिए, आपके शरीर के लिए शतावरी किस प्रकार लाभदायक हो सकती है।

1. वजन घटाने के लिए
दोस्तों वजन घटाने के लिए फाइबर युक्त एवं कम कौलोरी वाली डाइट ज्यादा लाभदायक मानी जाती है। और यहां शतावरी मदद कर सकती है। एवं इसमें कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद भी मिल सकती है

और इसके अलावा, शतावरी फाइबर का अच्छा स्रोत भी है, जो मोटापा घटाने में सबसे कारगर पोषक तत्व माना जाता है

निष्कर्ष : दिए गए लेख में बताया गया है कि शतावरी के फायदे और नुकसान क्या होते हैं और शतावरी के उपयोग के बारे में भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई गई है लेकिन ये सिर्फ एक सुझाव है हम इनकी पुष्टि नहीं करते हैं ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें।

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