डायरिया (diarrhea) :आप डायरिया को न समझें मामूली, ये ले सकती है आपकी जान , आराम दिलाएंगे ये घरेलू उपचार
डायरिया (diarrhea) :
दोस्तों गंदगी एवं खराब खानपान के कारण अक्सर लोग दस्त या डायरिया का शिकार भी हो जाते हैं। और ऐसे में इलाज के लिए दवाइयों के साथ-साथ खानपान का विशेष ध्यान देना चाहिए। एवं डायरिया की स्थिति में डाइट में पौष्टिक तत्वों को शामिल करने से इस रोग में फायदा भी मिल सकता है। और स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम जानेंगे दस्त में लिए जाने वाले आहार के बारे में। अब तो आइए लेख में आगे बढ़कर लूज मोशन रोकने के लिए डाइटदोस्तों डायरिया को दस्त के रूप में भी जाना जाता है। एवं यह एक बीमारी है, व जिससे सामान्य की तुलना में ज्यादा मल आने की समस्या होती है, एवं जो पतला पानी जैसा भी हो सकता है। वो सही खाना न खाने तथा शरीर में पोषक तत्वों की कमी से यह समस्या भी हो सकती है। और यह समस्या आमतौर पर एक अथवा दो दिन तक रहती है, व लेकिन कुछ स्थितियों में यह समस्या लंबे समय तक परेशान कर सकती है। और कुछ दिनों से अधिक समय तक चलने वाला दस्त अधिक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। और क्रोनिक दस्त कम से कम चार सप्ताह तक रहता है, व यह पुरानी बीमारी का लक्षण हो सकता है। और इसलिए, सही समय पर इसका इलाज करना जरूरी होता है
दस्त में क्या खाएं –
दोस्तों दस्त से निजात पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, और सही आहार का सेवन करना। एवं नीचे हम ऐसे ही कुछ आहार के बारे में बताने जा रहे हैं, व जिनका सेवन दस्त में भी किया जा सकता है। अब चलिए, दस्त में क्या खाएं, यह विस्तार से समझ लेते हैं।
1. केला
दोस्तों केला के फायदे दस्त में सहायक हो सकते हैं। और केला हाई पोटैशियम से भरपूर होता है। एवं इसलिए, दस्त में इसका सेवन करना फायदेमंद भी हो सकता है और वहीं हरे केले में एमाइलेज-रेजिस्टेंस स्टार्च होता है, व जिसको पचने में अधिक समय लगता है। एवं इसके, छोटे-छोटे कण गट में काफी देर तक रहते हैं। और इसीलिए, आंत में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ती है। व इस वजह से हरा केला एंटी-डायरियल प्रभाव प्रदर्शित करता है। और यह प्रभाव डायरिया में सुधार कर पाचन शक्ति को बढ़ाने का काम भी कर सकता है
2. दलिया
दोस्तों दलिये को ओटमील कहा जाता है। और यह दस्त के इलाज मददगार साबित हो सकता है। और विशेषज्ञों के मुताबिक, डायरिया में दलिया या ओटमील का सेवन करना अच्छा होता है। और यह दस्त से निजात दिला सकता है। एवं दस्त में यह किस प्रकार फायदेमंद होता है, व इसका स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
3. दही
दोस्तों डायरिया में दही के फायदे लाभदायक भी हो सकते हैं। और यही वजह है दही का इस्तेमाल बहुत समय से लोग दस्त में करते आ रहे हैं। और इसमें अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ खराब बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। और एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार दही में प्रोबायोटिक्स लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाए जाते हैं। एवं इन बैक्टीरिया की मदद से दस्त का कारण बनने वाले बैक्टीरिया भी खत्म हो सकते हैं।
4. चावल
दोस्तों सफेद चावल डायरिया की समस्या में फायदेमंद भी माने जाते हैं। और चावल में घुलनशील फाइबर पाया जाता है। और एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, घुलनशील फाइबर डायरिया के प्रभाव को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। और यह माना जाता है कि चावल का पानी पीने से दस्त में फायदा मिल सकता है।
5. ब्रेड
दोस्तों डायरिया की समस्या में विशेषज्ञ ब्रेड लेने की सलाह देते हैं और ब्रेड में भी घुलनशील फाइबर पाया जाता है एवं घुलनशील फाइबर डायरिया में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है और इस आधार पर ब्रेड को भी डायरिया की समस्या में लाभदायक माना जा सकता है।
डायरिया के प्रकार –
दोस्तों डायरिया तीन प्रकार के होते हैं, और जिनके बारे में आपको नीचे बता रहे हैं
1. पानी जैसा दस्त :
दोस्तों यह कई घंटों अथवा दिनों तक रह सकता है। और यह कॉलेरा संक्रमण के कारण हो सकता है ।
2. दस्त में खून :
दोस्तों इसमें पानी जैसा मल आता है, और लेकिन मल के साथ खून आता है। व इसे पेचिश कहा जाता है।
3. लगातार होने वाले दस्त :
दोस्तों यह 14 दिन अथवा उससे ज्यादा दिनों तक रहते हैं।
डायरिया के कारण –
दोस्तों डायरिया के कारण कई हैं, वो जिनके बारे में आपको नीचे बता रहे हैं।
1. दस्त की अधिकांश वजह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में संक्रमण भी होता है।
2. दूषित पानी अथवा भोजन का सेवन करने से।
अधिक यात्रा करने से एवं इधर-उधर का खाना खाने से।
3. दवाइयां जैसे – एंटीबायोटिक अथवा पेट साफ करने की दवा।
4. आधा पका अथवा कच्चा मीट का सेवन करने से।
5. वंशानुगत एवं आनुवंशिक स्थिति, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस अथवा एंजाइम की कमी।
6. पेट अथवा पित्ताशय की थैली की सर्जरी कराने के बाद।
7. पेट से संबंधित समस्या जैसे – इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम , माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस कारण
8. बच्चों में रोटावायरस की वजह से डायरिया भी हो सकता है।
9. स्विमिंग के समय दूषित पानी के पेट में चले जाने से।
10.अधिक गर्म अथवा नमी वाले मौसम से दस्त लग सकते हैं।
11. जब शिशुओं के दांत निकलते हैं, तो उनको डायरिया हो सकता है। और उस वक्त उनके मसूड़ों में खुजली होती है, तो कुछ उठाकर चबाने लगते हैं, वो जिस कारण उन्हें पेट संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं।
डायरिया के लक्षण :
पेट दर्द
सूजन
पेट में मरोड़
वजन घटना
बुखार
मल में रक्त आना
उल्टी होना
लूज मोशन होना
शरीर में दर्द
बार-बार प्यास लगना
डिहाइड्रेशन
सिरदर्द
निष्कर्ष : दिए गए लेख में बताया गया है कि डायरिया क्या है और इसके घरेलू उपचार क्या है लेकिन ये सिर्फ एक सुझाव है हम इनकी पुष्टि नहीं करते हैं ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं।
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